पहली बार सेक्स की स्टोरी में पढ़ें कि कैसे ट्रेन में एक लड़की का फोन रह गया जो मेरे हाथ लगा. मैंने उसका फोन उसे दिया और हमारी दोस्ती हो गयी.
दोस्तो, मैं अन्तर्वासना फ्री सेक्स कहानियों का नियमित पाठक हूँ। मैं करीब 5 साल से अन्तर्वासना की कामुक कहानियाँ पढ़ रहा हूँ।
मैं मेरी जिंदगी में घटित एक घटना को आप सबके सामने लाना चाहता हूँ।
दोस्तो, यह मेरी पहली बार सेक्स की स्टोरी है तो अगर लिखने में कुछ गलती हो जाये तो मुझे माफ़ करना।
मेरा नाम दीपक है, मैं 24 साल का हूँ. मैं लखनऊ उत्तरप्रदेश में रहता हूँ। मैं एक सामान्य लड़का हूँ, मैं एक सामान्य परिवार से हूँ।
यह पहली बार सेक्स की स्टोरी तब की है जब मैं किसी काम से दिल्ली जा रहा था।
मेरी ट्रेन सुबह की थी। मैं सही समय पर स्टेशन पर पहुँच गया था।
ट्रेन में पहले से ही मेरी सीट बुक थी तो मैं अपनी सीट पर जाकर बैठ गया। ट्रेन में यात्री कम ही थे, तो भीड़ नहीं थी। मैं आराम से अपनी रेल यात्रा का मज़ा ले रहा था।
मेरी ट्रेन समय पर दिल्ली स्टेशन पर पहुंच गयी थी।
जब मैं ट्रेन से उतर रहा था तो मैंने देखा किसी का मोबाइल वहीं पर छूट गया था।
मैं थोड़ी देर तक वहाँ रुका और सोचा जिसका होगा वो आकर ले जायेगा।
कुछ देर तक जब कोई नहीं आया तो मैं मोबाइल उठाया और अपने पास रख लिया और सोचा जिसका होगा वो कॉल करेगा।
मैं जिस काम से गया था, वो काम करने चला गया.
क्योंकि मुझे शाम तक लखनऊ वापस आना था।
फिर शाम को जब मैं वापस आने वाला था कि तभी उस फ़ोन की घंटी बजी.
तब मैंने फ़ोन उठाया तो पता चला कोई लड़की बात कर रही थी.
उसने अपना नाम सोनल (काल्पनिक नाम) बताया।
उसने पूछा कि मैं कहा हूँ.
तब मैंने उसे बताया कि मैं वापस लखनऊ जा रहा हूँ, अभी स्टेशन पर हूँ।
मैंने कहा- आप स्टेशन आकर आपना फ़ोन ले लो।
पर वह बोली- मैं अभी नहीं आ सकती. आप आकर मुझे फ़ोन दे दो।
मैंने कहा- मेरी ट्रेन है तो मैं नहीं आ सकता.
तब उसने बताया कि वो 2 दिन बाद लखनऊ आएगी तब वो अपना फ़ोन ले लेगी.
मैंने कहा- ठीक है.
और उसे अपना नंबर दे दिया.
मैंने कहा- जब आप लखनऊ आओ तो मुझे कॉल कर लेना।
बाद में पता चला कि उसका घर लखनऊ में ही है।
फ़ोन पर उस लड़की की आवाज़ बहुत अच्छी लग रही थी।
दो दिन बाद वो जब लखनऊ आयी तो मुझे कॉल किया और फ़ोन लेने के लिए बुलाया।
मैं उसका फ़ोन लेकर उससे मिलने को चल दिया।
उसके साथ उसका भाई भी आया था तो ज्यादा बात नहीं हो पायी.
जब मैंने उसे देखा तो मुझे अपने आँखों से विश्वास नहीं हुआ. वो बहुत ही खूबसूरत थी।
मैंने उसे उसका फ़ोन वापस किया.
और उसने थैंक्स कहा और फ़ोन लेकर चली गयी।
मैं आपको उसके बारे में बताना भूल ही गया वो करीब 22 साल की एक बहुत ही खूबसूरत लड़की थी. गोरा रंग, काले बाल और काली आँखें।
उसका फिगर 30-28-32 का होगा।
फिर 2 दिन बाद मेरे मोबाइल पर एक गुड मॉर्निंग का मैसेज आया।
मैंने भी रिप्लाई कर दिया।
उसने कहा- आपने मुझे पहचाना या नहीं?
तो मैंने रिप्लाई किया- नहीं!
तो उसने बताया- मेरी मोबाइल आपके पास थी, मैं वही हूँ।
मैंने भी रिप्लाई किया- ओह्ह आप … मुझे लगा कि आप मुझे भूल गयी होंगी। और मैंने भी आपका नंबर नहीं लिया था।
उसने कहा- अगर आप फ्री हो तो कॉल पर बात करें?
मैंने भी हां बोल दिया.
तभी उसने मुझे कॉल किया और फ़ोन वापस करने के लिए थैंक्स कहा.
और कहने लगी- मुझे लगा कि मेरा फ़ोन चोरी हो गया या खो गया. अब नहीं मिलने वाला!
उसने बताया कि वो मुझसे बात करना चाहती थी पर भाई के साथ होने के कारण नहीं बोल पायी।
तब उसने बताया- मैं लखनऊ में अपने भाई के साथ रहती हूँ. मम्मी पापा दिल्ली में रहते हैं. मैं लखनऊ में रहकर पढ़ाई कर रही हूँ।
उसने कहा- क्या आप मेरे फ्रेंड बनेंगे?
मैंने कहा- केवल फ्रेंड या और कुछ?
उसने कहा- अभी तो फिलहाल फ्रेंड … आगे का बाद में देखा जायेगा।
मैंने भी हां कह दिया.
जब लड़की खुद सामने से आ रही हो तो उसे मना नहीं करते।
इस तरह हम दोनों एक दूसरे से कॉल पर बात करने लगे.
वो मुझे रोज जो करती. वो अपने बारे में बताती और मैं अपनी डेली लाइफ के बारे में बताता.
इस तरह बात करते करते 15 दिन बीत गए.
फिर एक दिन वो बोली- क्या मैं आप से मिल सकती हूँ?
तो मैंने भी मिलने के लिए हां बोल दिया।
हम दोनों ने मिलने की जगह तय की. हमने मिलने के लिए एक कॉफ़ी शॉप चुना।
जब वो मुझसे मिलने आयी थी तो नीले रंग का सूट सलवार पहनकर आयी थी।
वो उस सूट में कमाल की लग रही थी। मैं उसको देखता ही रह गया था।
तब उसने मुझे हाथ से हिला कर कहा- कहाँ खो गए?
मैंने कहा- कही नहीं … बस आपको देख रहा था. आप बहुत खूबसूरत हैं.
उसने कहा- अच्छा!
फिर हमने कॉफ़ी आर्डर की और साथ में बैठकर पीने और बात करने लगे।
उसने मुझसे पूछा कि मैं क्या करता हूँ, कहाँ रहता हूँ.
और बहुत सारी बातें हुई.
उसने कहा कि मैं बहुत अच्छा हूँ।
हम लोग उस दिन करीब 2 घंटे साथ में रहे और खूब बातें की।
इसी तरह से समय बीतता गया.
फ़ोन पर हम लोग घंटों तक बाते करते, हफ्ते में एक बार मिलने भी जाते।
फिर वो कुछ दिन के लिए फिर दिल्ली चली गयी.
पर फ़ोन पर बातें होती रही.
धीरे धीरे हम एक दूसरे से सेक्स चैट करने लगे।
फिर हम दोनों सेक्स करने के लिए राज़ी हो गए।
जब वो दिल्ली से आयी तो उसने मुझे अपने घर मिलने को बुलाया. उसने बताया कि सुबह नौ से शाम 5 तक घर पर कोई नहीं रहता.
क्योंकि वो और उसका भाई ही घर में रहते हैं. उसका भाई एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करता था तो वो सुबह 9 बजे ही ऑफिस निकल जाता था और शाम को 5 बजे के बाद आता था।
तब मैं उससे मिलने उसके घर चला गया।
जब मैं पहुंचा तो वो लैग्गी और टीशर्ट पहने हुए थी।
वो मेरे लिए पानी लायी, फिर बोली- मैं चाय बनाकर लाती हूँ।
हम दोनों साथ में बैठकर चाय पीने लगे.
मैं चाय पीते पीते उसे ही देख रहा था.
हम दोनों ने चाय ख़त्म की।
फिर वो मेरे पास आकर बैठ गयी।
मैं उसे किस करने लगा.
करीब दस मिनट तक किस करने के बाद उसने कहा- बैडरूम में चलते हैं.
तो मैं उसे उठाकर उसके बैडरूम तक आ गया।
फिर मैंने उसके कपड़े उतार दिये. अब वो मेरे सामने ब्रा और पैंटी में थी.
मैंने देर न करते हुए उसकी ब्रा उतार दी. मेरी आंखों के सामने उसकी बड़ी बड़ी गोरी गोरी चूचियां सामने उछल रही थी।
अब मैं बारी बारी से उसकी दोनों चूचियों को दबाने और चूसने लगा.
वह मदहोश होने लगी.
मदहोशी में उसके मुँह से आवाज आने लगी- आऊं उ उ ह … आ ह उ उ.
फिर धीरे धीर अपने एक हाथ से मैं उसकी चूत को रगड़ने लगा.
वो गर्म होने लगी.
और फिर मैंने उसकी पैंटी को उतर कर अलग कर दिया.
उसकी चूत पर एक भी बाल नहीं था.
पूछने पर बताया कि मेरे आने से पहले ही उसने साफ़ किया है।
फिर मैं उसकी दोनों टांगों के बीच में आ गया और अपनी जीभ से उसकी बुर के छेद को चाटने लगा.
उसके मुँह से जोर जोर से ‘आह … उह … आह … उह..’ की आवाज निकल रही थी।
थोड़ी देर तक उसकी चूत चाटने के बाद मैं उठ कर बैठ गया और उसे भी उठा कर बैठा दिया.
फिर मैंने अपने सारे कपड़े निकाल दिए और नंगा हो गया।
मैंने उसके हाथ में अपना लंड दे दिया. वो उसे अपने हाथों से सहलाने लगी.
और फिर मुँह में लेकर चूसने लगी.
थोड़ी देर चुसवाने के बाद मैं अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा.
कुछ देर बाद वो बोली कि अब मैं उसकी चूत में अपना लंड डाल दूँ।
जैसे ही मैंने पहली बार लंड डालने की कोशिश की, थोड़ा सा लंड का सुपारा उसकी चूत के अन्दर गया ही था कि वो जोर से चिल्ला दी- मम्मी … आह … उह … उह.
तब उसने बताया कि उसका पहली बार है।
मैंने पास में पड़ी क्रीम की डिब्बी से क्रीम निकली और अपने लंड और उसकी चूत पर लगा दी.
और मैं फिर से उसकी चूत में अपना लंड डालने लगा.
जैसे ही मेरे लंड का सुपारा उसकी चूत के अंदर गया, वो चिल्ला उठी- मम्मी … उह … आह … उह!
और कहने लगी- दर्द हो रहा है.
फिर मैंने एक जोर का झटका दिया और मेरा आधा लंड उसकी चूत में घुस गया.
वो फिर से कराह उठी और मुझे अपने ऊपर से नीचे धकेलने लगी.
मैं थोड़ी देर उसी तरह रुका रहा और उसे किस करने लगा.
फिर जब वो थोड़ा सा शांत हुई तो फिर मैंने एक जोर का झटका दिया.
मेरा लंड उसकी चूत को फाड़ता हुआ पूरा अंदर तक घुस गया था.
उसकी चूत से खून निकल रहा था.
फिर मैं धीरे धीरे धक्के लगाने लगा.
वो उह… अहह… हय… याह… उह … की आवाजें निकल रही थी.
जब उसको मज़ा आने लगा, तब वह खुद धक्के लगाने लगी.
करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया. इस बीच वो भी झड़ गयी थी।
फिर वो उठने लगी तो उससे उठा नहीं जा रहा था.
मैंने उसे सहारा देकर उठाया और उसे बाथरूम तक ले गया.
हम दोनों ने अपने बदन को साफ किया।
थोड़ी देर बाद हम दोनों का मूड फिर बन गया.
इस बार हम लोगों ने खूब मज़े लेने की सोची।
पहले हम दोनों ने एक दूसरे का चुम्बन करना चालू किया.
हमने एक दूसरे को करीब 20 मिनट तक होंठों को चूमा.
फिर मैंने धीरे धीरे उसकी चुच्चियों को दबाना सुरु किया.
वो मेरे लंड को हाथ में लेकर सहलाने लगी.
फिर मैंने उसकी चुच्चियों को एक एक करके पीना शुरु किया।
और फिर चुच्चियों को चूसते चूसते उसके पेट पर किस करने लगा.
इससे वो गर्म हो गयी और उह्ह … अह्ह्ह की आवाजें निकालने लगी.
फिर हम दोनों एक दूसरे के ऊपर इस तरह लेटे कि मेरा लंड उसके मुँह में और उसकी चूत मेरे मुँह के पास थी.
वो मेरा लंड चूसने लगी.
मैं उसकी चूत को चाट रहा था.
बीच बीच में मैं अपनी जीभ उसकी चूत के अंदर डालता तो वो और गर्म हो जाती और मुँह से और तेज से आवाजें आने लगती।
फिर कुछ टाइम बाद उसने कहा- अब बर्दाश्त नहीं होता. अपना लंड मेरी चूत में डाल दो।
मैंने अपनी पोजीशन चेंज की और एक ही झटके में अपना पूरा लंड उसकी चूत में डाल दिया.
उसके मुँह से चीख निकल गयी. वो अह्ह्ह ओह्ह्ह की आवाजें बहुत जोर से निकल रही थी.
कुछ देर बाद मैंने फिर से धीरे धीरे धक्का लगाना शुरू किया।
वो ‘उह अह उम्म्ह हाह’ की आवाजें निकाल रही थी.
थोड़ी देर बाद वो बोली- और जोर से करो न!
फिर मैं और तेज़ी से धक्के लगाने लगा।
करीब 20 मिनट की चुदाई में वो झड़ गयी थी। मैं भी उसके साथ ही झड़ा था.
अब करीब 4 बज गए थे. उसके भाई के आने का वक़्त हो गया था.
फिर हम दोनों ने कपड़े पहने और साथ में लायी गर्भ रोकने की दवा उसे खाने के लिए दी और साथ में पेनकिलर भी।
हमने एक दूसरे को किस किया.
तब मैं उसके घर से निकल गया और मैं वापस आ गया।
फिर मुझे कुछ महीनों के लिए लखनऊ से बाहर जाना पड़ा।
पर हम लोग रोज फ़ोन पर बातें करते रहते थे एक दूसरे से मिलने को बेताब रहते थे.
लेकिन किस्मत को कुछ और मंजूर था.
हम दोनों फिर कभी नहीं मिल पाए।
तो यह थी मेरे जीवन की सच्ची कहानी.
और यह मेरे जीवन की पहली चुदाई थी. आज भी मैं उस पल को याद करता हूँ।
दोस्तो, आपको ये पहली बार सेक्स की स्टोरी कैसी लगी? मुझे ईमेल करके जरूर बतायें।
मेरा इमेल है
11101995deepak@gmail.com
धन्यवाद।