रसगुल्लों के बदले मिला दीदी गर्म जिस्म
मैं अपने दोस्त की बहन को अपनी बहन मानता था. वो भी मुझे अपना भी मानती थी. वो शादीशुदा थी. उसने मुझे मिलाने बुलाया और रसगुल्ले लाने को कहा. मैं गया तो क्या हुआ? “हैलो, कहाँ पहुंचे हो?”“आपकी मार्केट में पहुंचने वाला हूँ, भाई को भेज दीजिये।”“ठीक है तुम्हारे बोलने से पहले ही मैंने उसे … Read more