अन्तर्वासना एक्स कहानी में पढ़ें कि मैं विवाहिता हूँ लेकिन पति से अलग रहती हूँ. पति का साथ छोड़ देने के बाद कैसे मैंने अपने बदन की वासना पूरी की?
अन्तर्वासना एक्स कहानी के सभी पाठकों को मेरा हार्दिक अभिनन्दन.
मैं एक गृहिणी हूँ और अन्तर्वासना की बहुत बड़ी प्रशंसक हूँ. कई वर्षों से मैं अन्तर्वासना की कहानियां पढ़ रही हूँ.
पति का साथ छोड़ देने के बाद कैसे मैंने अपनी वासना पूरी की?
इस अन्तर्वासना एक्स कहानी में पढ़ें.
मेरा नाम रुचि सिंह है. मैं 22 वर्षीया शादीशुदा महिला हूँ। मेरी लम्बाई 5 फीट 5 इंच है और शरीर गोरा, मखमली और भरा हुआ है.
मेरी फीगर 36-32-38 की है।
मेरे इंटर पास करते ही मेरे घर वालों ने मेरी शादी करा दी.
शादी के एक वर्ष बाद ही मुझको बेटी हो गयी।
अभी तक तो मेरा वैवाहिक जीवन अच्छा चल रहा था कि तभी एक दिन मेरे पति अपना मोबाइल बाहर भूल कर नहाने चले गए।
आमतौर पर ऐसा कभी होता नहीं था, वो हमेशा अपना मोबाइल अपने साथ रखते थे.
लेकिन आज पता नहीं कैसे वो भूल कर चले गए!
तभी कुछ देर बाद उस पे फ़ोन आने लगा.
मैंने सोचा कि देख लूं कोई काम का ना हो.
लेकिन जैसे ही मैंने उनका फ़ोन देखा … मेरे पैरों के नीचे से मानो ज़मीन खिसक गई।
वो फ़ोन किसी लड़की का थी जिस पे उसका नाम और आगे जान लिखा हुआ था।
जब वो फ़ोन कट गया तो मैंने उनका मोबाइल खोलने की कोशिश किया लेकिन उसमें पासवर्ड लगा था.
मैंने दो तीन बार पासवर्ड डाला लेकिन नहीं खुला.
फिर मैंने उसी लड़की का नाम डाला जिसका फ़ोन आ रहा था.
तो फोन तुरंत खुल गया.
और उनका फ़ोन देखते ही मेरी सारी दुनिया ही जैसे उजड़ गयी.
उस लड़की का मैसेज था. उसके साथ मेरे पति की फ़ोटो थी।
तभी पति भी नहाकर बाहर आ गए.
उन्होंने तुरंत मेरे हाथ से फ़ोन छीन लिया और देखने लगे.
अब वो समझ गए थे कि मुझे भी सब पता चल गया है.
वो सफाई देने लगे लेकिन मैंने उनकी एक ना सुनी और उनकी सारी बात जाकर अपने ससुर को बतायी.
इस पर मेरे ससुर भी मेरे पति से बहुत नाराज़ हुए.
लेकिन उस आदमी ने बोला कि वो उस लड़की को नहीं छोड़ सकता है।
जिसके बाद उनको बहुत समझाया गया लेकिन उसको कुछ सुनना ही नहीं था।
मैं दो दिन तक बिना कुछ खाए बस रोती रही.
फिर मेरी मम्मी का फ़ोन आया तो मैंने उनको सारी बात बतायी.
उन्होंने मुझे अपने पास आने को बोला।
अब मैंने भी फैसला कर किया था कि अब यहां नहीं रुक सकती.
तो मैं अपना सारा सामान पैक किया और अपनी बेटी को ले कर अपने मायके आ गयी।
अब कुछ दिन तक तो ऐसे ही चलता रहा.
फिर एक दिन मेरे ससुर का फोन आया कि जो कुछ भी हुआ उसके लिये वो बहुत शर्मिंदा हैं.
वे माफी मांगने लगे, बोलने लगे कि मैं तलाक न लूं.
इससे पूरे समाज में बदनामी होगी.
वो मुझे ख़र्चा देने को तैयार थे.
वे बोले- अपने हिसाब से तुम अपनी ज़िंदगी जियो।
इसी तरह एक साल बीत गया. मैंने भी धीरे धीरे अपनी बेटी और खुद में खुश रहने सीख लिया.
तभी मैंने सोचा कि अब आगे कुछ पढ़ लूं. क्योंकि कब तक मायके में खाऊँगी.
तो कुछ नौकरी पाने के लिये मैंने आगे पढ़ने का फैसला लिया।
मैं अब देखने लगी कि मैं क्या कर सकती हूँ.
मुझे कपड़े सिलने आते हैं तो उसी लाइन में और सीखने के लिए मैंने शहर में एक इंस्टीट्यूट में एडमिशन ले लिया.
मेरी बहन शहर में रहती थी तो मैं मायके से अपनी बहन के यहां चली आयी. उसका घर शउस इंस्टीट्यूट के पास में ही था.
और मैं अपनी बेटी की अपने मायके ही छोड़ आई।
मेरी बहन और जीजा दोनों लोग अकेले रहते थे घर में!
जीजा एक आफिस में काम करते थे और दीदी एक प्राइवेट स्कूल में टीचर थी।
जब मैं पहले दिन इंस्टीट्यूट गयी तो मेरी नज़र एक लड़के पर पड़ी. वो बहुत हैंडसम था लंबा चौड़ा शरीर एकदम मस्त था।
लेकिन बस वो दिखा और चला गया।
कुछ दिन इसी तरह बीते.
एक दिन मुझे कुछ काम से इंस्टीट्यूट के आफिस जाना था तो मैं अपनी टीचर से पूछ कर गयी।
अब वहां जैसे मैं पहुंची तो देखा कि वही लड़का सामने वाले आफिस में बैठा कुछ काम कर रहा था।
मैं उसी के पास गई और उसको अपना काम बताया तो उसने बड़े ही प्यार से जवाब दिया.
फिर मैं चली आयी।
अब मैं बस मौका ढूढने लगी हर रोज़ आफिस जाने का!
क्लास में किसी का भी काम होता तो मैं उसके साथ चली जाती.
लेकिन वो मुझे कभी निगाह उठा कर भी नहीं देखता।
एक शाम को जब मैं घर में अकेली थी तो मैंने अन्तर्वासना पढ़ने लगी.
एक दो स्टोरी पढ़ने के बाद मुझे एक स्टोरी उसने मिली कि कैसे एक विधवा महिला अपने साथ काम करने वाले लड़के को सेट करके उससे रोज़ चुदवाती थी।
मुझे उस कहानी ने बहुत प्रभावित किया क्योंकि मेरे साथ भी कुछ ऐसा ही था।
उस कहानी में भी वो लड़का उस औरत पर शुरुआत में ध्यान नहीं देता लेकिन फिर वो औरत अपने शरीर को दिखा कर उसकी अपने जाल में फंसा लेती है।
तो जैसे ही मेरे जीजा घर आये, मैंने उसने मार्किट का पता पूछा एयर उनको बोला कि कुछ सामान लेने जा रही हु।
मैंने बाजार से एकदम हल्के कपड़े की तीन साड़ी ली और उसका ब्लाउज भी खूब छोटा और फिटिंग का करवा लिया.
और कुछ अंदर के कपड़े मतलब ब्रा पेंटी भी लेकर घर आ गयी।
अगले दिन मैं नहा कर ब्रा पहनी. और फिर वो सेक्सी वाला ब्लाउज जिसमें मेरी 36 की चूचियां बिल्कुल तनी हुई थी.
ब्लाऊज का गला आगे से बड़ा होने के वजह से मेरी चूचियों की घाटी भी अच्छी खासी दिख रही थी.
मैंने कमर के नीचे साड़ी बंधी, लाल बिंदी, लाल लिपिस्टिक और चूड़ियाँ पहन कर खूब बढ़िया से तैयार हो गयी.
आज शायद अपने जीवन में मैंने पहली बार खुद को इतने सेक्सी अंदाज़ में देखा था।
कुछ देर बाद मैं आ गयी अपने इंस्टीट्यूट में!
एक दो लड़कियों ने मेरी तारीफ भी की जिससे मुझे बहुत अच्छा लगा.
लेकिन मेरी असली मकसद कुछ और था. उसके लिए मैं जुगाड़ लगाने लगी और सोचने लगी.
तभी मेरी मैम ने मुझे बुलाया और मेरे मोबाइल पर उन्होंने कुछ पिक्स भेजी और आफिस में जाने को बोली.
मैम ने उसी लड़के का नाम बताकर उसके पास जाने को बोला जिसको मुझे फंसाना था।
मैं फूली नहीं समा रही थी क्योंकि मेरा काम बन गया था.
लेकिन जैसे ही मैं जाने लगी तो मेरी मैम बोली- किसी और को भी साथ में लेती जाओ।
अब मैंने सोचा कि अगर मैं किसी को साथ में ले कर गयी तो उसको रिझा नहीं पाऊंगी. और कहीं किसी को पता चल गया तो दिक्कत हो जाएगी।
मैं बोली- नहीं मैम, रहने दीजिए. वहां बिना काम से कोई जाता है तो उसको डाँटते हैं सर लोग!
इसपर मैम बोली- अच्छा ठीक है, तुम अकेली ही जाओ।
उसके आफिस के गेट पर पहुंचने से पहले ही मैंने अपने पल्लू को अपनी दोनों चूचियों की घाटी के ऊपर से थोड़ा सा हटा लिया.
मैंने उससे बोला- सर, मे आई कम इन?
इस पर वो बोला- आ जाओ!
और तभी उसने अपना चेहरा उठा कर देखा कि कौन है.
तो उसकी नज़र जैसे कुछ समय के लिए मुझ पे ही रुक गयी।
फिर मैं उसका ध्यान हटाते हुए अंदर गयी और बोली- सर मैम ने मुझे भेजा है कुछ प्रिंट निकालने के लिये!
इस पर वो बोला- कहाँ हैं? लाओ।
मैं बोलि- मेरे मोबाइल में हैं. क्या मैं आपके वाट्सऐप पे भेज दूँ?
वो बोला- ठीक है, भेजो!
और उसने अपना नम्बर बताया.
जिसको मैंने तुरंत अपने मोबाइल में सेव कर लिया और उसको सारी पिक्स भेज दी जिसका प्रिंट निकलवाना था मुझे।
अब कुछ प्रिंट निकल गए और पेपर खत्म हो गया.
तो उसने मुझसे बोला- सामने से पेपर उठा दो।
इसका फायदा उठाते हुए मैं सामने की तरफ अपनी 38 की मोटी सी गांड मटकाते हुए गयी.
जिस पे उसकी नज़र थी.
मैंने उसको कागज़ ला कर दिये.
वो बोला- प्रिंट निकल रहे हैं, इसको निकाल कर क्रम से लगा लो।
मैं उसकी टेबल के सामने झुक कर पेपर सही करने लगी और वो बिल्कुल मेरे सामने बैठा था।
मेरे झुकने की वजह से मेरी अच्छी खासी क्लीवेज उसके सामने दिख रही थी. जिस पे उसकी नज़र भी थी.
मैं भी जानबूझ कर खूब झुक झुक कर काम कर रही थी।
कुछ देर बाद मेरा काम हो गया.
और इसी बीच मुझे उसका नाम भी पता चला कि उसका नाम साहिल है.
मैं उसको शुक्रिया बोल कर वहां से आ गयी।
अब दोपहर भर बार बार मैं उसी का नंबर चेक कर रही थी कि व्हाटसअप पे उसकी फोटो दिख जाए.
लेकिन शायद अभी तक उसने मेरा नंबर सेव नहीं किया था।
इसी तरह पूरा दिन निकल गया.
शाम को मेरे घर आने के बाद कुछ देर बाद मैंने फिर देखा तो उसकी एक बहुत अच्छी सी तस्वीर लगी थी.
मैंने तुरंत अपने फ़ोन में सेव कर लिया और उसको मेसेज किया.
कुछ देर बाद उसका भी जवाब आया और इसी तरह कुछ देर तक हम दोनों की बात हुई।
आप मेरी अन्तर्वासना एक्स कहानी पर अपनी राय अवश्य दीजिये.
romanreigons123@gmail.com
अन्तर्वासना एक्स कहानी जारी रहेगी.