इंडियन देसी सेक्स स्टोरी में पढ़ें कि मामी की चुदाई करके नयी चूत की तलाश में था. तभी भाभी का क्लीवेज देख मैंने मामी को भाभी की चूत दिलाने को कहा.
नमस्कार मित्रो, मेरा नाम रोहित है। मैं 22 साल का हूं। मेरा लन्ड 7 इंच का है जो किसी भी चूत की गहराई को नापता हुआ चूत की बखिया उधेड़ सकता है। मुझे अपने लंड पर बहुत भरोसा है और उसको मैं आजमा भी चुका हूं.
मैं कॉलेज में पढ़ाई कर रहा हूं. मेरा ध्यान हमेशा पढ़ाई में ही ज्यादा रहता है इसलिए मैंने मेरी कॉलेज लाइफ में कोई चूत नहीं चोदी थी।
जब मेरे लंड को चूत की जरूरत महसूस हुई तो मेरे लन्ड ने पकी पकाई चूत को चोदने के बारे में सोचा।
अब मेरी नजर भाभियों, चाचियों और आंटियों पर रहने लगी थी क्योंकि ये पकी हुई चूतें होती हैं। इन चूतों में भरपूर माल होता है जिसको खाने के बाद लंड तृप्त हो जाता है। अगर कोई भी चूत मेरे लन्ड से एक बार चुद जाए तो फिर वो चूत मेरा लन्ड खाए बिना नहीं रह सकती है।
मैं हर एक चूत को रगड़ कर चोदता हूं क्योंकि चूत को रगड़ कर चोदने में ही ज्यादा मज़ा आता है। अब तक मैं निशा भाभी, सरिता मामीजी और सीमा मामीजी को चोद चुका हूं।
मेरे लन्ड ने पहली चूत का स्वाद निशा भाभी की चूत में चखा था। मामाजी के यहां आने के बाद मैंने दोनों मामियों की चूतों का भोसड़ा बना दिया था। दोनों मामियों को मैंने खूब रगड़ रगड़ कर चोदा था।
पिछली बार मैंने सीमा मामी की चुदाई की थी. मैं सीमा मामीजी को जब भी मौका मिलता था, चोद देता था। उनको मैं हमेशा बाड़े में चोदता था क्योंकि घर में तो चोदने का मौका ही नहीं मिलता था।
मामी मेरे लंड से अब तक कई बार चुद चुकी थी। मेरा लन्ड भी अब उनकी की चूत को अच्छी तरह से चख चुका था। मेरे लन्ड को टाइम टाइम से मामी की चूत मिल रही थी.
ऐेसे ही एक दिन जब मैं बाहर बैठा हुआ था तब मामाजी की बड़ी बहू पूजा झाड़ू लगाने आई। जब पूजा भाभी आंगन में झाड़ू लगा रही थी तब मेरी नजर उनके बड़े बड़े बोबों पर पड़ी।
पूजा भाभी के बड़े बड़े बोबे ब्लाउज में झूल रहे थे जो गोरे गोरे और दूध के जैसे सफेद थे। उनके बोबों को देखकर मेरा लन्ड एकदम से फुफकार मारने लगा। मैं मेरे लन्ड को मसलने लगा।
जब वो झाड़ू लगाकर वापस जाने लगी तो भाभी की गांड देखकर मैं हैरान रह गया. उनकी गांड साड़ी में बहुत ज्यादा मटक रही थी। गोल गोल गांड देखकर लंड में कसक सी उठ गयी.
भाभी के चूतड़ भी बहुत बड़े बड़े थे। ये पूरा नजारा देखकर मेरा लन्ड भाभी की चूत के लिए बेकरार होने लग गया।
अब मेरे लन्ड को उनकी चूत की प्यास लगने लगी और भाभी को चोदने का ख्याल आने लगा।
आगे बढ़ने से पहले मैं आपको पूजा भाभी के जिस्म का अंदाजा दे देता हूं. वो 29 साल की है. लम्बाई लगभग 5.4 फीट है और फिगर 34-30-32 का है. एकदम मस्त माल है जिसको अगर कोई देख ले तो चोदने के लिए पागल हो जाये.
उनके दो बच्चे हैं लेकिन फिगर को उसने पूरा संभालकर रखा हुआ है. उनको देखकर लगता नहीं कि वो दो बच्चों की मां है. अब मैं भाभी की चुदाई के लिए मचल गया था लेकिन घर में भाभी को चोदना मुमकिन नहीं था क्योंकि घर में हर समय कोई न कोई रहता था.
फिर दिमाग में आया कि जिस तरह से सीमा मामी को योजना बनाकर चोदा था उसी तरह पूजा भाभी को भी चोदने के लिए कोई न कोई योजना बनानी ही पड़ेगी. अब मैं पूजा भाभी पर हाथ साफ करने के लिए योजना बनाने लगा।
एक दिन जब मैं सीमा मामी को चोद रहा था तो मामी जी की चूत में लंड डालने से पहले मैं रुक गया.
मामी बोली- क्या हुआ?
मैंने कहा- मामी अगर आप बुरा नहीं मानो तो एक बात कहूं?
मामी बोली- हां बोल ना … मैं बुरा नहीं मानूंगी.
मैं- पूजा भाभी को भी मैं चोदना चाहता हूं!
मामी- पागल हो गया है क्या, ये क्या बोल रहा है? तुझे मेरी चूत में शांति नहीं मिल रही है क्या, जो पूजा की भी लेना चाहता है?
मैं- नहीं मामी, ऐसी बात नहीं है. मेरा आपसे पूरा काम चल रहा है। आप तो बहुत अच्छी हो। मेरा पूरा पूरा ख्याल रख रही हो। मगर पूजा भाभी मेरे लन्ड को भा गई है, इसलिए मैं पूजा भाभी की भी लेना चाहता हूं। आप ही मुझे पूजा भाभी की चूत दिलवा सकती हो।
वो पहले तो मना करने लगी लेकिन फिर उनको लंड भी लेना था तो बोली- मैं इतना जोखिम कैसे उठा सकती हूं? मैं सीधे सीधे पूजा से नहीं कह पाऊंगी.
मैं बोला- आप सीधे सीधे पूजा भाभी से मत कहना। उनको कैसे पटाना है वो सब मैं देख लूंगा ।आप तो बस समय समय पर मदद कर देना।
उन्होंने कहा- हां, ठीक है. इतना तो मैं कर दूंगी।
मामीजी के हां कहते ही मैंने पूजा भाभी को चोदने की खुशी में सीमा मामी की चूत में घपाघप लंड ठोक दिया।
वो ज़ोर ज़ोर चिल्लाने लगी लेकिन मैंने उनकी एक नहीं सुनी और उनकी चूत का भोसड़ा बना दिया।
मामी की चुदाई अच्छी तरह से करने के बाद हम दोनों वापस घर आ गये. अब मैं यही सोच रहा था कि ऐसा क्या करूं जो भाभी की चूत भी मेरा लंड लेने के लिए गर्म हो जाये और वो खुद ही अपनी चूत चुदवाने आये.
मैंने प्लान बनाना शुरू किया और ध्यान आया कि अक्सर पूजा भाभी घर का सारा काम करने के बाद दोपहर में नहाती है। नहाने के लिए घर पर ही तिरपाल का बाथरूम बना हुआ है। मुझे याद आया कि तिरपाल थोड़ा सा फटा हुआ था जिसमें से गौर करके देखने पर बाथरूम का मस्त नज़ारा देखा जा सकता था।
अब अगले दिन मैं पूजा भाभी पर पूरी नज़र बनाये रख रहा था. सारा काम करने के बाद वो नहाने के लिये आयी. मौका देखकर मैं भी वहां जा पहुंचा. सबसे छुपते हुए मैं अंदर झांकने लगा.
पहले भाभी ने साड़ी खोली और फिर हाथों का मैल रगड़ने लगी. फिर ब्लाउज खोला और बदन पर पानी डालने लगी. मैंने सोचा यही सही मौका है पूजा भाभी की चूत लेने के लिए उनको पटाने का।
मैं बाल्टी में पानी भरने के बहाने से बॉथरूम में चला गया। बाथरूम का नज़ारा देखकर मेरी आंखें फटी की फटी रह गईं। उस समय पूजा भाभी ऊपर से पूरी नंगी थी। भाभी के बड़े बड़े बोबे पूरी तरह से गीले थे।
भाभी का पूरा जिस्म पानी से भीगा हुआ था। बाल खुले हुए थे जो पूरे माहौल को मादक बना रहे थे।
मुझे देखते ही पूजा भाभी एकदम से सकपका गई। अब वो अपने पपीते जैसे दूध से भरे हुए बोबों को हाथों से छुपाने लगी और मुंह दूसरी ओर घुमा लिया।
सेक्सी भाभी को इस अधनंगी हालत में देखकर मेरी तो जान ही हलक में आ गई। इस तरह से नंगी भाभी देखकर मेरा लन्ड मेरे पजामे में ही तूफान मचाने लगा। भाभी भी हैरान और परेशान हो गयी थी.
वो हिम्मत करके बोली- तू यहां कैसे आ गया? देख नहीं रहा कि मैं नहा रही हूं?
मैं बोला- सॉरी भाभी, मैं तो सीमा मामी के कहने पर पानी भरने आया था. हम लोग बाड़े में जा रहे थे.
फिर वो कहने लगी- ठीक है, जल्दी भर ले. मैंने कपड़े नहीं पहने हैं.
मैं पानी भरने लगा और भाभी के पेटीकोट में उनकी गीली गांड देखकर लंड सहलाता रहा. भाभी दूसरी ओर मुंह करके खड़ी थी.
मैं पानी भरकर मेरे लन्ड को मसलता हुआ वापस आ गया। भाभी को इस तरह अधनंगी हालत में देखकर मेरा लन्ड फुफकार मार रहा था। अब मैंने सीमा मामीजी को अकेली देखकर ताबड़तोड़ उनके बड़े बड़े बोबों को मसल डाला।
फिर थोड़ी ही देर बाद मैंने मामी की चूत में उंगली घुसा दी। मामी के साथ थोड़ा सा मजा लिया और फिर बाड़े में जाकर उनकी चूत चोद दी.
मैं मामी को पूजा भाभी समझ कर चोद रहा था और अबकी बार मैं जल्दी ही झड़ गया.
फिर हम घर आ गये.
अगले दिन फिर से दोपहर में पूजा भाभी नहाने के लिए बाथरूम में गई। मैं भाभी पर नज़र डाले बैठा था। कुछ देर के बाद भाभी ने मामी को आवाज लगाई. उस वक्त मामीजी और अर्चना भाभी खेत पर गई हुई थी।
प्लान के मुताबिक आज सीमा मामी ने भाभी के बाथरूम में जाने के बाद ही उर्मिला मामी को काम में व्यस्त कर लिया था। अब जैसे ही पूजा भाभी ने पीठ का मैल रगड़वाने के लिए सीमा मामी को आवाज़ लगाई तो भाभी को कोई उत्तर नहीं मिला।
तब मैंने कहा- भाभी यहां तो कोई नहीं है, सब बिजी हैं।
भाभी बोली- किसी को बुला ला … मुझे मैल रगड़वाना है।
तब मैंने बहाना बनाते हुए कहा- भाभी मुझे तो यहां कोई नजर ही नहीं आ रहा है।
अब भाभी चुप हो गई। फिर हिम्मत करके मैं ही अंदर घुस गया और भाभी सकपका गयी. वो दोनों हाथों से अपने मोटे बोबों को छुपाने लगी.
वो बोली- तू फिर आज अंदर आ गया? अब कौन सी आफत आ गयी?
मैं बोला- भाभी, बाहर कोई भी नहीं है. मैंने सोचा कि मैं ही आपका मैल रगड़ देता हूं.
भाभी ने कहा- लेकिन तू ये काम कैसे कर सकता है? मैं तेरी भाभी हूं।
इस पर मैंने कहा- भाभी, तो क्या हुआ? मैं आपका देवर हूं और देवर भाभी की मदद तो कर ही सकता है। अब इसमें आपको शर्माने की जरूरत नहीं है।
वो पहले थोड़ा हिचकिचाई फिर मान गयी. वो बोबों को हाथों से छुपाते हुए पीछे घूम गई। अब भाभी की छरहरी पीठ मेरे सामने थी। मैं बहुत ज्यादा उत्साहित हो रहा था कि आज मैं पूजा भाभी की नंगी पीठ को टच करूंगा। ये मेरे लिए एक अलग ही अनुभव था।
भाभी की गोरी चिकनी नंगी पीठ को देखकर मेरा लन्ड पजामे में तूफान मचाने लगा। अब मैंने छोटा सा पत्थर का टुकड़ा हाथ में लिया और भाभी की पीठ का मैल रगड़ने लगा। उसकी नर्म पीठ पर हाथ फिराते हुए मेरा लंड पगला गया और लग रहा था कि माल ही छूट जायेगा.
मेरा लन्ड पूजा भाभी की चूत लेने के लिए बैचेन हो रहा था। धीरे धीरे मेरे हाथ उनके बोबे से टच करने लगे। फिर मैं पानी लेकर पीठ को धोने लगा और रगड़ते रगड़ते मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया.
फिर वो बोलीं- ठीक है, अब तू जा.
उसके बाद मैं आ गया.
दो दिन ऐसे ही निकल गये लेकिन बात आगे नहीं बढ़ पायी. अब मैं सोच रहा था कि पूजा भाभी को अपने लंड के दर्शन करवाने होंगे ताकि उसकी चूत में भी थोड़ी खुजली उठे.
अगले दिन मैं भाभी के आने से पहले ही दोपहर में बाथरूम में नहाने गया। मैंने साबुन लाने के लिए सीमा मामी को आवाज़ लगाई तो पूजा भाभी बोली- वो तो यहां नहीं हैं।
मैंने कहा- तो फिर आप ही साबुन ले आओ।
जब वो साबुन लेकर मेरे पास आयी तो मुझे अंडरवियर में देखकर उनकी आंखें फैल गयीं. उनकी नजर मेरे तने हुए लंड पर टिक गयी जो कि गीले अंडरवियर को उठाये हुए था. भाभी की नजर मेरे लन्ड से हट ही नहीं पा रही थी।
इधर मेरे लंड में भी उत्तेजना के मारे झटके लगने लगे. फिर वो चुपचाप साबुन देकर चली गयीं. मैं खुश हो गया था कि आधा काम हो गया है. भाभी मेरे लंड को देख चुकी है और अब उसकी चूत देखनी बाकी है.
यारो, अगर कोई भी चूत किसी भी लंड को इस तरह से अंडरवियर में देख लेती है तो फिर उस चूत को बार बार लंड का नज़ारा याद आता है और फिर वो चूत चुदने के लिए धीरे धीरे तैयार होने लग जाती है।
उसी दिन सीमा मामी ने पूछा- बात कहां तक पहुंची?
मैंने कहा- अभी तो भाभी को केवल लंड के ही दर्शन करवाए हैं।
मामी बोली- ये तो अच्छा किया.
मैंने कहा- एक बार उनको फिर से लंड दिखाना है ताकि वो खुद ही चुदने के लिए तैयार हो जाये.
अगले दिन फिर से मैंने बाथरूम में नहाते हुए भाभी को आवाज लगायी. मैं समझ गया था कि अगर आज भी वो आ गयी तो फिर पक्का ही चुदेगी. जैसा सोचा था वैसा ही हुआ. वो साबुन लेकर आई और मेरे लंड को घूरकर चली गयी.
अब अगले दिन मामाजी और भैया के खेत पर जाने के बाद बड़ी मामी, उर्मिला मामी और अर्चना भाभी भी खेत पर चली गईं। अब घर में मैं, सीमा मामी और पूजा भाभी ही थे। पूजा भाभी को चोदने का इससे अच्छा मौका नहीं मिल सकता था.
भाभी की चुदाई का प्लान मैंने आज ही बना लिया था और सीमा मामी को भी इस बारे में बता दिया था. मैं नहाने के बहाने बाथरूम में गया और वहां पर साबुन से फर्श पर फिसलन बना दी.
कुछ देर बाद मैंने भाभी को आवाज लगायी तो वो तौलिया लेकर आई.
अब जैसे ही वो तौलिया देने के लिए आगे बढ़ी तो उनका पैर फिसला और मैंने उनको लपक लिया लेकिन साथ ही मैं भी नीचे गिर गया.
मैं अंडरवियर में था और लौड़ा तना हुआ था.
भाभी मेरे लंड के नीचे थी और मेरा लंड ठीक उनकी चूत के ऊपर था.
मैंने मौका देखा और उनके बोबों को दबाने लगा.
वो बोली- क्या कर रहा है हरामी?
मैं बोला- बस भाभी … मन कर गया है … मेरा तना हुआ है … प्लीज रोको मत.
इतना बोलकर मैं भाभी की जांघों पर लंड को चुभाने और उनकी चूचियों को जोर जोर से भींचने लगा.
वो छटपटाते हुए बोली- छोड़ मुझे, नहीं तो मैं तेरे मामा को बता दूंगी।
मैंने कहा- आप कुछ नहीं बताओगी. मैं जानता हूं. हाय … सेक्सी भाभी … आह्ह … करने दो ना प्लीज!
इतना कहकर मैंने उसके होंठों को चूसना शुरू कर दिया. वो मुझे हटाने लगी लेकिन मैंने जोर से उनको दबाया हुआ था. अपनी टांगों को मैंने उनकी टांगों में फंसा लिया था और अब वो पूरी तरह से मेरी कैद में थी.
मेरा लन्ड पूजा भाभी की चूत में घुसने के लिए बेकरार हो रहा था लेकिन मेरे लन्ड को चूत में जाने का रास्ता नहीं मिल रहा था। बोबों को अच्छी तरह से रगड़ने के बाद अब मैंने एक हाथ से पूजा भाभी के पेटीकोट को थोड़ा सा ऊपर सरका दिया।
मैंने मेरे हाथ को तुरंत भाभी के पेटीकोट के अंदर घुसा दिया। मेरा हाथ अंदर घुसते ही अब वो पूरा ज़ोर मेरे हाथ को पेटीकोट में से बाहर निकालने के लिए लगाने लगी। इधर मैं भी मेरा पूरा ज़ोर भाभी के पेटीकोट के अंदर हाथ घुसाने में लगाने लगा।
बहुत ही कामुक नज़ारा था यारो. जिस पूजा भाभी को मैंने पहले कभी चोदने के बारे में नहीं सोचा था आज मैं उसी पूजा भाभी के ऊपर पड़ा हुआ था। जिस भाभी को मैं इतनी इज्जत से देखता था आज उन्हीं की इज्जत लूटने पर तुला हुआ था.
आस पास कोई नहीं था और बाथरूम में बिना किसी आवाज़ के भयंकर चुदाई का माहौल बन रहा था। पूजा भाभी जहां पेटीकोट में हाथ नहीं डालने दे रही थी, वहीं मैं उनके पेटीकोट में हाथ डालने की पूरी कोशिश कर रहा था।
मैं पूरा मन बना चुका था कि अब तो चाहे कोई भी पहाड़ टूट जाये लेकिन मैं भाभी की चुदाई करके ही रहूंगा. बहुत दिन से मामी का भोसड़ा चोद रहा था. आज भाभी की चूत के बारे में सोचकर मेरे लंड में अलग ही तनाव बना हुआ था.
भाभी को एक ज़ोरदार झटका देते हुए मैंने उनके हाथों को पेटीकोट पर से हटा दिया। अब उनकी पकड़ ढीली पड़ते ही मैंने तुरंत प्रभाव से मेरा हाथ पेटीकोट में घुसा दिया। मैं एक हाथ से भाभी के हाथों को पकड़े हुए था और मेरा दूसरा हाथ पेटीकोट में घुस चुका था.
अब वो फिर से मेरे हाथ को पकड़ने लगी लेकिन तब तक बहुत देर कर चुकी थी। मेरा हाथ पेटीकोट में घुसते ही सीधा भाभी की पैंटी पर जा पहुंचा। मैंने तुरंत ही पैंटी के अन्दर हाथ डाल दिया।
मेरा हाथ सीधा भाभी की मखमली चूत पर जा लगा। तब मुझे अहसास हुआ कि भाभी की चूत के आस पास घनी झाड़ियों का एक छोटा सा जंगल है। देर न करते हुए मैंने मेरी उंगलियां भाभी की मखमली चूत में घुसा दीं।
चूत में उंगलियां जाते ही भाभी चिहुंक उठी और भाभी के मुंह से सिसकारी निकल गई। मैं भी जोश में भर गया और तेजी से भाभी की चूत में उंगलियों को अंदर बाहर करने लगा. वो सिसकारने लगी और मुझे और ज्यादा मजा आने लगा.
भाभी की चूत अंदर से बहुत ज्यादा गर्म थी। मुझे भाभी की चूत में उंगलियां अंदर बाहर करने में बहुत ज्यादा मजा आ रहा था। पूजा भाभी अभी भी अपने आप को छुड़ाने का असफल प्रयास कर रही थी. मगर मैं जानता था कि उसका प्रयास केवल दिखावे के लिये है.
उसके चेहरे को देखकर पता लग रहा था कि वो भी इन्जॉय कर रही है. मैं लगातार भाभी की चूत में उंगलियां घुसा रहा था। मैंने अब उनकी पैंटी को नीचे सरका दिया और तुरंत ही अपना अंडरवियर भी नीचे कर लिया.
अंडरवियर नीचे जाते ही मेरा मूसल जैसा लंड बाहर आ गया। बाहर निकलते ही मेरा लन्ड चूत में घुसने के लिए फुफकार मारने लगा। मेरे लन्ड को देखकर पूजा भाभी की आंखे फटी की फटी रह गईं। अब मेरा लन्ड भाभी की चूत में जाने के लिये छटपटा रहा था।
भाभी के ऊपर से मैं नीचे उतरने लगा क्योंकि मुझे उनकी चूत में लंड डालने के लिए जगह बनानी थी. अचानक मेरी पकड़ ढीली होते ही पूजा भाभी खड़ी हो गई और मुझे धक्का देकर भागने की कोशिश करने लगी.
मैं नंगा था. मैंने उनको पकड़ने के लिए हाथ मारा. उनको मैंने पीछे से पकड़ने की कोशिश की लेकिन इस बार वो मेरी पकड़ से निकल गयी.
वो मेरे हाथ नहीं लगी और साड़ी व पेटीकोट संभालते हुए अंदर भाग गयी. उनकी गांड पीछे से पूरी गीली हो गयी थी. गांड पर साड़ी के ऊपर कीचड़ भी लग गया था.
उधर सीमा मामी पूरा नजारा देख रही थी और दूर खड़ी होकर छुपी हुई मुस्करा रही थी. मामी को मैं देख पा रहा था लेकिन भाभी मेरी सीमा मामी को नहीं देख पा रही थी. भाभी की चूत तक मैं पहुंच कर भी उनकी चूत में लंड डालने से चूक गया था.
मेरा लंड खड़ा का खड़ा रह गया. मगर आज मैंने पूजा भाभी की चूत को छू लिया था. लंड का माल निकालने के लिए इतना अहसास काफी था. मैंने अंदर जाकर जोर से लंड को रगड़ना शुरू कर दिया और दो मिनट में ही लंड ने पिचकारी मार दी.
फिर मैं नहाकर बाहर आ गया. फिर एक बार दोबारा से मुठ मारी और फिर कपड़े पहन कर सो गया. मैं सोच रहा था कि जब यहां तक पहुंच चुका हूं तो चूत में लंड डालने में भी कामयाब हो जाऊंगा.
तो दोस्तो, अपनी पूजा भाभी की चुदाई के लिए मैंने आगे कौन सा रास्ता अपनाया और कैसे मैं भाभी की चूत चुदाई करने में कामयाब हो पाया? वो सब मैं आपको अपनी कहानी के अगले भाग में बताऊंगा.
भाभी की चुदाई की इंडियन देसी सेक्स स्टोरी आपको कैसी लग रही है मुझे जरूर बतायें. मेरा ईमेल मैंने नीचे दिया हुआ है.
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इंडियन देसी सेक्स कहानी का अगला भाग: मामी ने भाभी की चूत दिलवाई- 2